Wednesday, August 28, 2013

      बाजत बधाई नन्द  के अंगना 

 बाजत बधाई नन्द  के अंगना ,
खुशियाँ छाई लखि लखि ललना ।
ग्वाल बाल झूमें निहारें कृषना ,
गाँव गोप मिलि नाचैं ग्वालिना ।
         यशुदा हर्षें मुख चुमि ललना ,
         पुलकित मैया ज्यों चंचल हिरना ।
         नन्द बाबा उठावें अंक किशना ,
         विहसति कान्हा संग विहसे विधना ।
द्वारन सज गई ललित अल्पना ,
सकल देव इष्ट भयों गोकुल गमना ।
ऋषि मुनि धाये दरसन कृषना ,
अर्चना लेट बलैया यशुदा भावना ।

Tuesday, August 27, 2013

      जन्मे हैं कृष्ण कन्हैया 

जन्मे हैं कृष्ण कन्हैया बाजे बधैया ,
नाचे थिरके ब्रज में लोग लुगैया । 
     पालना झुलावें गावें यशुमति मैया ,
     चवर डुलावे पवन लेवें बलैयां । 
चमचम चमकैं आरती करें बिजुरिया ,
नन्द के कनिया में किलकें  कन्हैया । 
      हरषि नन्द बाबा लुटावें मोहरें रुपैया ,
      यशुमति निछावर करें हीरे मोती सवैया । 
कान्हा का मुख चूमें यशुदा सखियाँ ,
मन अर्चना का झूमें गावें ता - ता थैया । 

Monday, August 19, 2013

रक्षाबंधन

       रक्षा बंधन
 कच्चे धागों का बंधन ,
मन के भावों का वंदन ।
अमर उद्गारों का अर्पन ,
अटल वचनों  का दर्पन ।
चंदा और किरन सा रक्षाबंधन ।
नृप सम्राट देव , बंध गये ,
इन धागों के बंधन में ।
बंध गया गोरी भी ,
संयोगिता की राखी में ।
बंधे कृष्ण द्रोपदी की चीर में ,
दीपक और ज्योति सा  रक्षाबंधन ।
रक्तिम रक्त की कहानी ,
कच्चे धागों की जुबानी ।
रिश्तों की अटूट कड़ियाँ ,
निर्वाहों का अजब सिलसिला ,
प्राणों की देकर आहुति ,
भाई निज कर्त्तव्य निभाते ।
आन मान शान सा  रक्षाबंधन ।
दिन रैन देव प्रतिमा से ,
बहन भी दुआएं मांगे ।
पग कंटक न आये कभी ,
उम्मीदों के सुमन खिले ।
नन्हे भैया का मुखड़ा ,
जैसे गगन में चाँद सलोना ।
अग्रज की बातें न्यारी ,
 घनी धुप में छांव सी प्यारी ,
बदली और पवन सा   रक्षाबंधन ।


         अर्चना प्रकाश 

Sunday, November 21, 2010

Beete Lamhe

बीते लम्हें
बीते लम्हों को याद करो
शायद कुछ कहना बाकी है
रिश्तों को समझना बाकी है ,
कुछ और निखरना बाकी है
है उलझे नयन उमंग भरे ,
चाहत की सरगम गूंज रही
अधरों की प्यास बढ़ी जाती,
सांसे कुछ ऐसा बता रहीं
बंधन का बिखरना बाकी है,
टूटे न कभी मोती मन के ,
सारे वर्णों से प्रीती झरे
सुखद सेज यामिनी बने ,
दिग दिगंत में प्रेम भरे
नयनों का छलकना बाकी है ,
किसके हाथों चित्र बने ,
किसने ये रंग अनेक भरे
हर चित्र में हर रंगों में ,
छवि प्यारी बस एक बनी
कुछ और संवरना बाकि है
कण कण में आस नवीन जगी ,
सतरंगी सपनें जाग उठे ,
मदमाती बयार बहे
कुछ और बहकना बाकी है ,
बीते लम्हों को याद करो ,
शायद कुछ कहना बाकी है

Tuesday, November 16, 2010

कोई बात करें

कोई बात करें

आओ कोई बात करें
दूरियों में
निकटता का
एहसास करें, ,
अपनेपन की ,
उजास ले ,
सूनेपन को
मात करे |
आओ ऐसी रात गढ़े |
विवशता में
सम्बल का
द्रिढ़ भाव भरे |
अनंगी चाहतों
का
परित्याग करें ,
आओ कोई कथ्य कहें |
मधुमय गीतों
के राग कहें |
सुखद स्वप्न
साकार करें |
वियोग में ,
संयोग का
आभास करें
आओ कोई बात करें |
द्वारा --- अर्चना प्रकाश
००२, रोयल ब्लाक, एल्डिको ग्रीन अपार्टमेंट्स , गोमती नगर ,लखनऊ

Friday, September 24, 2010

बेटियां -- अर्चना प्रकाश

बेटियां

बेटियां हैं खिलती कलियाँ ,
बेटियां हैं खुशबू का दरिया |
नर नारायण की जननियाँ ,
वंश बैल स्वामिनी बेटियां |
कौटुम्ब उपवन की तितलियाँ ,
मनमोहक सहचारी बेटियां |
जननी की सरल परछाइयाँ ,
आतुर संरछक सी बेटियां |
इनका सिंगार ये गृह पतवार ,
इनकी पुकार माइका ससुराल |
लछमी दुर्गा सी बेटियां ,
स्वयंसिद्धा शत्रुहंता बेटियां |
नये नये रूप धरती बतियाँ ,
बड़े नसीब से मिलती बेटियां |

Wednesday, September 22, 2010

अर्चना प्रकाश के भजन

राम
जग में सुख देता इक नाम
सबसे प्यारा राम का नाम |
महल अटारी त्रिया प्यारी,
इनको तजो तो मिलते राम. |
कहीं शिला पर करते विश्राम,
कंटक पथ पर चलते राम |
सबसे प्यारा राम का नाम |

राम के संग सीता ही नारी,
राम से भी सीता है भारी |
कंटक पथ अरु शिला ही शैया ,
पति के संग यही सुख छैया |
कष्टों को कष्ट न कहते राम |

सबसे प्यारा राम का नाम |
मानव मन संघर्ष का नाम,
अपनों के लिए ही मिटते राम |
सबको अपना कहते राम,
जितनी गहन चेतना मन की,
उतने व्यापक होते राम |
सबसे प्यारा राम का नाम |

साधु जानो के रक्छक राम,
दुष्टों के उद्धारक राम |
राम नाम की शक्ति आपार,
नारी को सबल बनाते राम
जग में सुख़ देता इक नाम |
सबसे प्यारा राम का नाम |

Book: Archan Karun Tumhara

Archana Prakash,002 Royal
Block, Eldeco Green
Appartment, Gomti Nagar,
Lucknow


Mobile; 9450264638